बुद्धिमान की पहचान – Akbar Birbal Story in Hindi

प्राचीन भारत में मुगल सम्राट अकबर का दरबार बुद्धिमान और चतुर दरबारियों से भरा हुआ था। लेकिन इनमें से सबसे प्रसिद्ध थे बीरबल, जो अपनी चतुराई और बुद्धिमानी के कारण सम्राट अकबर के सबसे प्रिय थे। बीरबल की कहानियाँ हमें आज भी यह सिखाती हैं कि कैसे कठिन परिस्थितियों में बुद्धिमत्ता और समझदारी से काम लिया जा सकता है।

कहानी की शुरुआत

एक दिन की बात है, सम्राट अकबर के मन में विचार आया कि बीरबल का परीक्षण किया जाए। वे जानना चाहते थे कि क्या बीरबल वास्तव में उनके राज्य में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति हैं। इस विचार के साथ, अकबर ने बीरबल को अपने दरबार में बुलाया और कहा, “बीरबल, मुझे तुम्हारी बुद्धिमानी पर हमेशा भरोसा रहा है, लेकिन मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या तुम सत्य में सबसे बुद्धिमान हो।”

समस्या का आविष्कार

अकबर ने बीरबल को एक चुनौती दी। उन्होंने कहा, “मैं तुम्हें एक समस्या दे रहा हूँ और तुम्हें इसे हल करना होगा। अगर तुम इसे हल कर सकते हो, तो तुम सचमुच इस दरबार के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति हो।”

एक कठिन चुनौती

अकबर ने बीरबल से कहा, “यहां दरबार में दस दरबारी बैठे हैं। हर एक दरबारी के मुँह पर एक नकाब है, और इन नकाबों में से किसी एक के पीछे सबसे मूर्ख दरबारी छिपा हुआ है। तुम्हें बिना नकाबों को हटाए बताना है कि वह कौन है।”

चुनौती कठिन थी, लेकिन बीरबल ने इसे स्वीकार किया। उन्होंने दरबारियों को देखा और फिर एक के बाद एक सवाल पूछने शुरू किए।

प्रश्नों की महिमा

बीरबल ने पहले दरबारी से पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है?”

पहला दरबारी: “मेरा नाम राजेश है।”

फिर उन्होंने दूसरे दरबारी से पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है?”

दूसरा दरबारी: “मेरा नाम सुरेश है।”

बीरबल ने इसी प्रकार हर दरबारी से नाम पूछा और अंत में दसवां दरबारी सामने आया। जब उन्होंने दसवें दरबारी से नाम पूछा, तो दरबारी ने जवाब दिया, “मेरा नाम बीरबल है।”

बीरबल की चतुराई

अकबर और अन्य दरबारी यह सुनकर हंस पड़े, लेकिन बीरबल बिल्कुल शांति से खड़ा रहा। उसने कहा, “महाराज, ये ही सबसे मूर्ख दरबारी हैं। क्योंकि केवल मूर्ख ही स्वयं को बीरबल कहेगा, जब असली बीरबल आपके सामने खड़ा हो।”

अकबर बीरबल की चतुराई देखकर बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा, “बीरबल, तुम्हारी बुद्धिमानी के आगे सभी नतमस्तक हैं। तुमने साबित कर दिया है कि तुम सचमुच इस दरबार के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति हो।”

निष्कर्ष

इस प्रकार बीरबल ने अपनी चतुराई और बुद्धिमानी से यह साबित कर दिया कि संकट की स्थिति में कैसे ध्यान और समझ का उपयोग करना चाहिए। बीरबल की कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि सच्ची बुद्धिमानी वह है जो कठिन समय में हमारी मदद करे और हमें सही मार्ग दिखाए।

अकबर और बीरबल की यह कहानी आज भी लोगों को सिखाती है कि सच्ची बुद्धिमानी का अर्थ केवल ज्ञान नहीं है, बल्कि उसकी सही उपयोगिता भी है।

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