Taj Mahal Essay in Hindi अर्थात इस article में हमने आपके लिए दिया है, ताजमहल पर एक निबंध हिन्दी में. Taj Mahal दुनिया के सात अजूबों में से एक है.
Taj Mahal (ताजमहल)
ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा को विद्यार्थी जीवन में बहुत महत्व है । इससे विद्यार्थियों के ज्ञान में ही बढ़ौतरी नहीं होती बल्कि किताबों से बाहर निकलकर दिमाग भी तरोताजा हो जाता है । पिछले वर्ग जब हमारा स्कूल ग्रीष्मावकाश के समय बंद हुआ तब मैं अपने चाचा जो के साथ ताजमहल देखने के लिए आगरा गया । जाने से पहले मैंने -कुछ पुसाकें तथा कपड़े सूटकेस में रखे । अगले दिन सांय सात बजे हम दोनों रेलवे स्टेशन पहुंचे तथा गाड़ी में सवार होकर दूसरे दिन दोपहर के समय आगरा पहुंचे । सबसें पहले हमने होटल में जाकर रहने का प्रबंध किया । रात होने पर हम ताजमहल देखने के लिए चल पड़े । हमारे होटल सं ताजमहल थोड़ी ही दूरी पर था ।
चांदनी रात थी । सबसे पहले हम ऊंचे दरवाजे से अंदर दाखिल हुए । हमें ताजमहल की सुंदर इमारत दिखाई दो । ताजमहल देखते ही ऐसा महसूस हुआ जैसे में किसी रवर्ग मैं आ गया हूँ । ताजमहल कों देखने के- लिए और भी वहुत से यात्री आए हुए थे । हमने चारो ओर सुंदर बाग देखा तथा वाग कै पाम में एक दीवार है । दरवाजे से लेकर ताजमहल तक ‘करवार लगे हुए थे तथा उसके दोनों ओर संगमरमर के रास्ते बने हुए थे । सारे बाग में नर्म तथा मुलायम घास बिछी हुई थी ।
रास्ते के दोनों ओर लगै पौधे बहुत ही सुंदर दिखाई दे रहे थे । बहुत से यात्री बैंचों पर बैठकर ताजमहल की सुंदरता का आनंद मान रहे थे । इस बाग की सतह से लगभग छ : मीटर ऊंचे संगमरमर के एक चबूतरे पर ताजमहल खड़ा है । मेर चाचा ने तथा मैंने कुछ अन्य यात्रियों की भांति अपने जूते इस चबूतरे से नीचे ही उतार दिए और उस .पर चढ़ गए । चबूतरे के दोनों कोनों पर चार उनसे मीनार मरने हुए थे । मेरे चाचा जी ने बताया कि ये मीनार पचास-पचास मीटर ऊँचे हैं । इन पर चढ़ने के लिए सीढियां तथा छज्जे बने हुए हैं । फिर हम दोनों रोजे के अंदर दाखिल हुए और वहां की मीनाकारी तथा जाली का काम देखकर अचंभित हो गए । उसे देखकर हमें उन कारीगरों की याद आई जिन्होंने पत्थरों में फूलों से भी अधिक संदरता ‘भरी है ।
पास ही खड़े व्यक्तियों को एक गाइड बता रहा था कि ताजमहल एक मकबरा है तथा मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में यह मकबरा बनवाया था । मुमताज ने मरते समय यह इच्छा प्रकट की थी कि बादशाह उसकी याद में ऐसा मकबरा बनवाए जिसकी मिसाल दुनिया भर में न मिल सके । ताजमहल की इमारत सफेद संगमरमर की बनी हुई है । इस इमारत को बीस हजार मजदूरों ने रात-दिन काम करके बीस वर्षों में पूरा किया था तथा इस पर कई करोड़ रुपए खर्च किए गए । फिर चाचा जी ने मुझे मुमताज तथा शाहजहां की कब्रें दिखाई ।
मैंने देखा कि मुमताज महल की कब रोजे के अंदर एक बड़े आठ कोने वाले कमरे में है तथा उसके साथ ही शाहजहां की कब्र है । यहां की दीवारों तथा गुंबद की मीनाकारी आँखों के सामने अद्भुत नजारे पेश करती है । हमने बहुत सारे रंग-बिरंगे पत्थर तारों की भांति जड़े हुए देखे । दरवाजों की चौखाटों पर, दीवारों पर कुरान शरीफ की आयतें अंकित हैं । इस प्रकार मैंने अपने चाचा जी के साथ ताजमहल की अद्भुत सुंदरता का आनंद उठाया ।
इमारत को बनें लगभग साढ़े तीन सौ साल हो गए हैं परन्तु आज तक उसकी सुंदरता में कोई अंतर नहीं आया । मेरा आगरा से वापिस आने का बिस्कूल भी मन नहीं हो रहा था परन्तु बहुत रात हो चुकी थी इसलिए मैं चाचा जी के साथ वापिस होटल लौट आया । अगले दिन फतेहपुर सीकरी की अद्भुत इमारतें देखीं तथा एक सप्ताह के बाद हम घर वापिस लौट आए ।
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