समास: परिभाषा और प्रकार (Samasa in Hindi: Definition and Types)

हिंदी व्याकरण में ‘समास’ एक महत्वपूर्ण और प्रमुख विषय है। ‘समास’ का अर्थ है – संक्षिप्तीकरण या संक्षिप्तिकरण। जब दो या अधिक शब्द मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं, जो संक्षिप्त और सारगर्भित होता है, उसे ‘समास’ कहते हैं। इसके अंतर्गत हम विभिन्न प्रकार के समास, उनके उपयोग और उनके उदाहरणों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

समास की परिभाषा

समास का शाब्दिक अर्थ है ‘संक्षिप्तीकरण’। जब दो या अधिक शब्द मेल से मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं, तो उसे समास कहते हैं। समास में शामिल शब्दों को ‘समस्त पद’ कहा जाता है और उनके सही अर्थ को प्रस्तुत करने वाले पद को ‘समस्त पदार्थ’ कहते हैं।

समास के प्रकार

हिंदी में समास को मुख्यतः छह प्रकारों में विभाजित किया गया है:

  • द्वंद्व समास
  • तत्पुरुष समास
  • कर्मधारय समास
  • बहुब्रीहि समास
  • अव्ययीभाव समास
  • द्विगु समास

द्वंद्व समास

इस समास में दो या दो से अधिक पदों का मेल होता है और दोनों पद सामान रूप से महत्व रखते हैं। दोनों शब्दों का संयुक्त रूप एक अलग अर्थ देता है।

द्वंद्व समास के उदाहरण

  • राम-लक्ष्मण: राम और लक्ष्मण
  • दिन-रात: दिन और रात
  • राजा-रानी: राजा और रानी

तत्पुरुष समास

तत्पुरुष समास में दो संज्ञाएँ या क्रियाएँ मिलकर एक नया शब्द बनाती हैं जिसमें बाद वाला पद प्रधान होता है। इसमें एक पद अन्य पद को पूरक रूप में प्रस्तुत करता है।

तत्पुरुष समास के प्रकार

तत्पुरुष समास के पांच प्रकार हैं:

  1. षष्ठी तत्पुरुष: जैसे – पिता का घर (पितृगृह)
  2. द्वितीया तत्पुरुष: जैसे – गले का हार (गृहलगु)
  3. तृतीया तत्पुरुष: जैसे – हाथ से बनाई (हस्तनिर्मित)
  4. चतुर्थी तत्पुरुष: जैसे – गुरु के लिए (गुरोःप्रद)
  5. पंचमी तत्पुरुष: जैसे – धर्म से विमुक्त (धर्मविहीन)

तत्पुरुष समास के उदाहरण

  • गृहपति: घर का मालिक
  • अधिकारपत्र: अधिकार का साक्ष्य
  • देवमूर्ति: देवता की मूर्ति

कर्मधारय समास

इस समास में पूर्वापद और उत्तरापद के बीच विशेषण-विशेष्य का संबंध होता है। पहला शब्द दूसरे शब्द का विशेषण या विशेष्य होता है।

कर्मधारय समास के उदाहरण

  • नीलकमल: नीला और कमल
  • राजगृह: राजा का घर
  • महालक्ष्मी: महान और लक्ष्मी
  • धनपति: धन के पति

बहुब्रीहि समास

बहुब्रीहि समास में प्रधान पद समस्त पद के बाहरी अर्थ को दर्शाता है। इस प्रकार के समास में एक नया शब्द बनता है जो किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का नाम होता है।

बहुब्रीहि समास के उदाहरण

  • चक्रवर्ती: चक्र के मालिक (राजा)
  • पुंडरीकाक्ष: पुंडरीक के जैसी आँखों वाला (कमल-नेत्र)
  • चन्द्रमुखी: चांद के जैसी मूर्ति वाली (सुंदर)

अव्ययीभाव समास

अव्ययीभाव समास में प्रधान पद अव्यय होता है और इसका सम्बन्ध संज्ञा या क्रिया से होता है। इसका मुख्य उद्देश्य वाक्य को संक्षिप्त करना होता है।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण

  • यथोचित: यथाः उचित
  • सर्वत्र: सर्वत्र विन
  • प्रातःकाले: प्रातः के समय

द्विगु समास

द्विगु समास में संख्यावाचक शब्द और संज्ञा का मेल होता है। इसमें प्रधान पद संख्या होती है जो संख्यावाचक शब्द को विशेषता प्रदान करता है।

द्विगु समास के उदाहरण

  • त्रिलोकी: तीन लोक
  • द्विपथ: दो रास्ते
  • षटपदी: छह पंखों वाला

समास के उपयोग

समास का उपयोग भाषा को संक्षिप्त और प्रभावी बनाने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से आप शब्द और वाक्यों को अधिक संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे भाषा की सुंदरता और स्पष्टता बढ़ती है।

समास के उपयोग के लाभ

समास के निम्नलिखित लाभ हैं:

  1. संक्षिप्तता: समास शब्दों और वाक्यों को संक्षिप्त बनाने में मदद करता है।
  2. स्पष्टता: समास से वाक्यों की स्पष्टता बढ़ती है।
  3. सुंदरता: समास के प्रयोग से भाषा की सुंदरता में वृद्धि होती है।

समास सम्बन्धी प्रश्न

नीचे कुछ महत्वपूर्ण समास सम्बन्धी प्रश्न दिए गए हैं:

  1. समास किसे कहते हैं?
  2. समास कितने प्रकार के होते हैं?
  3. द्वंद्व समास के दो उदाहरण दीजिए।
  4. तत्पुरुष समास में किन-किन प्रकार के समास होते हैं?
  5. बहुब्रीहि समास का एक उदाहरण दीजिए।

उम्मीद है कि यहाँ दी गई जानकारी आपको समास के विषय में विस्तार से समझने में सहायता करेगी। हिंदी व्याकरण में समास एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसका ज्ञान भाषा की समझ को और गहरा करता है।

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