रिपोर्टिंग स्पीच: प्रत्यक्ष और परोक्ष (Direct and Indirect Speech in Hindi)

हिंदी व्याकरण में रिपोर्टिंग स्पीच एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें किसी के कहे गए शब्दों, विचारों या कथनों को पुनः प्रस्तुत किया जाता है। इसे हम अनुसूचित वाक्य (Reported Speech) भी कहते हैं। रिपोर्टिंग स्पीच को समझना और सही ढंग से प्रयोग करना भाषा के नियमित उपयोगकर्ताओं और शिक्षार्थियों के लिए आवश्यक है।

Table of Contents

रिपोर्टिंग स्पीच क्या है?

रिपोर्टिंग स्पीच का अर्थ है किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कही गई बातें, विचार, या कथन को दूसरों के सामने प्रस्तुत करना। इसमें दो प्रकार के वाक्य होते हैं: प्रत्यक्ष वाक्य (Direct Speech) और परोक्ष वाक्य (Indirect Speech)।

प्रत्यक्ष वाक्य (Direct Speech)

जब किसी व्यक्ति के कहे गए शब्दों को बिना किसी परिवर्तन के सीधे उद्धृत किया जाता है, इसे प्रत्यक्ष वाक्य कहते हैं। इस प्रकार के वाक्य में उद्धरण चिन्ह (“”) का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • राम ने कहा, “मैं स्कूल जा रहा हूँ।”

परोक्ष वाक्य (Indirect Speech)

जब किसी व्यक्ति द्वारा कही गई बातों को अपने शब्दों में परिवर्तित करके पुनः प्रस्तुत किया जाता है, तो इसे परोक्ष वाक्य कहा जाता है। इसमें मूल के शब्दों में थोड़े बहुत परिवर्तन किए जाते हैं।

उदाहरण:

  • राम ने कहा कि वह स्कूल जा रहा है।

रिपोर्टिंग स्पीच के प्रकार

रिपोर्टिंग स्पीच निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

1. कथनात्मक वाक्य (Declarative Sentences)

इन वाक्यों में सामान्य कथनों को अन्य व्यक्तियों के सामने प्रस्तुत किया जाता है।

उदाहरण:

  • प्रत्यक्ष वाक्य: राहुल ने कहा, “मैं एक अच्छा खिलाड़ी हूँ।”
  • परोक्ष वाक्य: राहुल ने कहा कि वह एक अच्छा खिलाड़ी है।

2. प्रश्नात्मक वाक्य (Interrogative Sentences)

इन वाक्यों में प्रश्नों को अन्य व्यक्तियों के सामने प्रस्तुत किया जाता है।

उदाहरण:

  • प्रत्यक्ष वाक्य: सुमित ने पूछा, “क्या तुमने खाना खाया?”
  • परोक्ष वाक्य: सुमित ने पूछा कि क्या तुमने खाना खाया।

3. आज्ञार्थक वाक्य (Imperative Sentences)

इन वाक्यों में आदेश, निर्देश, या निवेदन को अन्य व्यक्तियों के सामने प्रस्तुत किया जाता है।

उदाहरण:

  • प्रत्यक्ष वाक्य: शिक्षक ने कहा, “पुस्तक खोलो।”
  • परोक्ष वाक्य: शिक्षक ने कहा कि पुस्तक खोलो।

4. विस्मयादिबोधक वाक्य (Exclamatory Sentences)

इन वाक्यों में भावनाओं, आश्चर्य, या हर्ष को अन्य व्यक्तियों के सामने प्रस्तुत किया जाता है।

उदाहरण:

  • प्रत्यक्ष वाक्य: सीमा ने कहा, “वाह! कितना सुंदर दृश्य है!”
  • परोक्ष वाक्य: सीमा ने हर्ष से कहा कि वह बहुत सुंदर दृश्य है।

रिपोर्टिंग स्पीच के नियम

रिपोर्टिंग स्पीच के प्रयोग में कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है।

1. व्यक्ति परिवर्तन (Change of Pronoun)

परोक्ष वाक्य में प्राय: प्रथम और द्वितीय पुरुष के सर्वनाम तीसरे पुरुष में परिवर्तित हो जाते हैं।

उदाहरण:

  • प्रत्यक्ष वाक्य: वह बोला, “मैंने उसे देखा।”
  • परोक्ष वाक्य: वह बोला कि उसने उसे देखा।

2. काल परिवर्तन (Change of Tense)

जब प्रत्यक्ष वाक्य को परोक्ष वाक्य में बदला जाता है, तो उसकी क्रिया के काल में भी परिवर्तन होता है:

  • वर्तमान काल (Present Tense) में क्रिया – भूतकाल (Past Tense) में बदल जाती है।
  • उदाहरण:
    • प्रत्यक्ष वाक्य: वह कहता है, “मैं खेलता हूँ।”
    • परोक्ष वाक्य: वह कहता है कि वह खेलता है।
  • भूतकाल (Past Tense) में क्रिया – भूतकाल के परिपूर्ण या पूर्ण भूतकाल (Past Perfect) में बदल जाती है।
  • उदाहरण:
    • प्रत्यक्ष वाक्य: उसने कहा, “मैंने काम किया।”
    • परोक्ष वाक्य: उसने कहा कि उसने काम किया था।

3. समय और स्थान परिवर्तन (Change of Time and Place)

कभी-कभी रिपोर्टिंग स्पीच में समय और स्थान के सूचक शब्दों का भी परिवर्तन होता है:

उदाहरण:

  • अब (Now) – उस समय (Then)
  • आज (Today) – उस दिन (That day)
  • यहाँ (Here) – वहाँ (There)

उदाहरणों के साथ रिपोर्टिंग स्पीच का विस्तृत अध्ययन

कथनात्मक वाक्य का उदाहरण

प्रत्यक्ष वाक्य: राधा ने कहा, “मुझे गणित अच्छी लगती है।”

परोक्ष वाक्य: राधा ने कहा कि उसे गणित अच्छी लगती है।

प्रश्नात्मक वाक्य का उदाहरण

प्रत्यक्ष वाक्य: राम ने पूछा, “क्या तुमने अपना काम पूरा किया?”

परोक्ष वाक्य: राम ने पूछा कि क्या तुमने अपना काम पूरा किया।

आज्ञार्थक वाक्य का उदाहरण

प्रत्यक्ष वाक्य: शिक्षक ने कहा, “कुर्सी पर बैठो।”

परोक्ष वाक्य: शिक्षक ने कहा कि कुर्सी पर बैठो।

विस्मयादिबोधक वाक्य का उदाहरण

प्रत्यक्ष वाक्य: मोहन ने कहा, “वाह! क्या खूब दृश्य है।”

परोक्ष वाक्य: मोहन ने हर्ष के साथ कहा कि वह दृश्य बहुत खूब है।

रिपोर्टिंग स्पीच के अभ्यास के लिए सुझाव

रिपोर्टिंग स्पीच में निपुणता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित सुझावों का पालन करें:

1. प्रत्यक्ष और परोक्ष वाक्यों के रूपांतरण का अभ्यास

अभ्यास के दौरान प्रत्यक्ष वाक्यों को परोक्ष वाक्यों में बदलने के तरीके समझें और उनका अभ्यास करें।

2. विभिन्न प्रकार के वाक्यों का अध्ययन

प्रत्यक्ष और परोक्ष वाक्यों के विभिन्न प्रकारों का अध्ययन करें और उन्हें पहचानना सीखें।

3. व्याकरण पुस्तकों का संदर्भ

व्याकरण की मान्य पुस्तकों का संदर्भ लें और उनके उदाहरणों का अध्ययन करें।

4. लेखन और बोलने का अभ्यास

लेखन और बोलने का अभ्यास करें और कोशिश करें कि आपने जो सीखा है उसे सही ढंग से प्रयोग करें।

निष्कर्ष

रिपोर्टिंग स्पीच हिंदी व्याकरण के प्रमुख भागों में से एक है, जिसमें प्रत्यक्ष और परोक्ष वाक्यों के परिवर्तन और उपयोग का अभ्यास किया जाता है। यह न केवल भाषा की समझ में वृद्धि करता है, बल्कि इसे प्रभावी तरीके से प्रयोग करने का भी मार्गदर्शन प्रदान करता है। उपरोक्त सभी बिंदुओं का ध्यान में रखते हुए, आशा है कि आप रिपोर्टिंग स्पीच में निपुणता प्राप्त करेंगे और इसे सफलता से प्रयोग कर सकेंगे।

Scroll to Top