रक्षाबंधन पर निबंध – Essay on Raksha Bandhan in Hindi

परिचय

रक्षा बंधन, जिसे राखी भी कहा जाता है, भारत के विशेष और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है और इनकी आपसी प्रेम, सुरक्षा और सम्मान को प्रतीकित करता है। रक्षा बंधन का अर्थ है “सुरक्षा का बंधन”, और इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, और बदले में भाई उनकी सुरक्षा का वचन देता है।

रक्षा बंधन का ऐतिहासिक महत्व

रक्षा बंधन का इतिहास बहुत प्राचीन है और उसके मूल कई पुराणों और ग्रंथों में मिलते हैं। भारतीय संस्कृति और इतिहास में इस त्योहार के बारे में कई कहानियाँ और लोककथाएँ हैं, जो इसके महत्व को दर्शाती हैं:

द्रौपदी और श्रीकृष्ण

महाभारत के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण ने अपनी उंगली काट दी थी। द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। इस भेंट से कृष्ण इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने द्रौपदी को हमेशा उनकी रक्षा करने का वचन दिया। जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ, तब श्रीकृष्ण ने ही उनकी लाज बचाई थी। इस कथा को रक्षा बंधन की उत्पत्ति से जोड़ा जाता है।

रानी कर्णावती और हुमायूं

मध्यकालीन भारत में मेवाड़ की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर उनसे संरक्षण मांगा। हुमायूं ने राखी की मर्यादा रखते हुए रानी की मदद की और उनकी रक्षा की।

रक्षा बंधन का धार्मिक महत्व

रक्षा बंधन का धार्मिक महत्व भी है। इसे हिंदू धर्म के विभिन्न समुदायों में विशेष रूप से मनाया जाता है:

वैदिक संदर्भ

वैदिक साहित्य में रक्षा बंधन को ‘श्रावणी’ या ‘रक्षासूत्र’ कहा गया है। वेदों में यज्ञोपवीत (जनेऊ) का संस्कार महत्वपूर्ण है और इस दिन यज्ञोपवीत को बदलना शुभ माना जाता है।

भगवान विष्णु और बली

एक और कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने राजा बली को वचन दिया था कि वे हमेशा उनके साथ रहेंगे। इस प्रकार लक्ष्मी देवी ने राजा बली को राखी बांधकर भगवान विष्णु को अपने साथ वापस ले जाने का वादा लिया।

रक्षा बंधन का सामाजिक महत्व

रक्षा बंधन का सामाजिक महत्व भी अत्यधिक है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है और समाज में समरस्ता और सौहार्द्र को बढ़ावा देता है। इस त्योहार के माध्यम से परिवार और समाज में आपसी सहयोग, सद्भाव और प्रेम का संदेश फैलता है।

रक्षा बंधन पर विशेष परम्पराएँ

राखी बांधने की परम्परा

इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, और भाई उन्हें उपहार और आशीर्वाद देते हैं। यह परम्परा मुख्य रूप से हिंदू धर्म में प्रचलित है, लेकिन आजकल इसे सभी धर्मों के लोग मनाते हैं।

पूजा विधि

रक्षा बंधन के दिन परिवार के सदस्य मिलकर पूजा करते हैं, शुभ मुहूर्त देखकर राखी बांधी जाती है। पूजा में भाई-बहन दोनों एक-दूसरे की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

रक्षा बंधन की आधुनिकता

समय बदलने के साथ रक्षा बंधन का स्वरूप भी बदल चुका है।

रक्षा बंधन की डिजिटल होती दुनिया

आजकल रक्षा बंधन का त्योहार भी डिजिटल हो गया है। बहनें अपने दूर बैठे भाइयों को ऑनलाइन राखी भेजती हैं। इसके साथ ही, ऑनलाइन गिफ्ट और ई-गिफ्ट कार्ड्स का चलन भी बढ़ गया है। इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं भेजते हैं।

व्यावसायिकरण

रक्षा बंधन का त्योहार अब एक बड़ा व्यापारिक अवसर भी बन चुका है। बाजारों में विभिन्न प्रकार की राखियाँ, गिफ्ट, मिठाइयाँ आदि उपलब्ध होती हैं। कई बड़े ब्रांड और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स इस अवसर पर विशेष ऑफर्स और डिस्काउंट्स भी प्रदान करती हैं।

रक्षा बंधन और सिनेमा

भारतीय सिनेमा ने भी रक्षा बंधन के त्योहार को बेहद खूबसूरती से चित्रित किया है। कई फिल्में हैं जिनमें भाई-बहन के रिश्ते को प्रमुखता दी गई है। फिल्में जैसे ‘हरे रामा हरे कृष्णा’, ‘बांधनी’, ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘प्रेम रतन धन पायो’ रक्षा बंधन के महत्व को दर्शाती हैं।

रक्षा बंधन का संदेश

रक्षा बंधन का संदेश स्पष्ट है – यह त्योहार प्रेम, सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और विश्वास कितना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

रक्षा बंधन एक ऐसा पर्व है जो न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है बल्कि पूरे समाज में एकता और प्रेम का संदेश भी फैलाता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हम अपने परिवार के सदस्यों के प्रति समर्पित रहें और उनकी सुरक्षा और खुशियों की जिम्मेदारी लें।

अंत में, रक्षा बंधन का उत्साह और महत्ता समय के साथ और भी बढ़ती जा रही है और यह हमारे समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखने में सफल हो रहा है।

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