रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि, उपन्यासकार, संगीतकार, कलाकार और दार्शनिक थे। वह भारत की सबसे प्रसिद्ध हस्तियों में से एक हैं। उनकी रचनाएँ न केवल हमारे देश में प्रसिद्ध थीं बल्कि विश्व स्तर पर भी मान्यता प्राप्त थीं।
टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। वह एक कुशल चित्रकार, विशेषज्ञ संगीतकार और प्रतिभाशाली लेखक थे। उनकी कविता सरल लेकिन प्रभावशाली थी। यह प्रेम, प्रकृति और मानवीय भावनाओं से संबंधित है। उनकी कहानियाँ, जैसे ‘द होमकमिंग’, पारिवारिक बंधन और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व पर प्रकाश डालती हैं।
उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति ‘गीतांजलि’ है। नाम का अर्थ है ‘गीत की पेशकश’। यह कविता संग्रह ईश्वर के प्रति उनकी भक्ति की सुन्दर अभिव्यक्ति है। इन गीतों में वह प्रकृति के प्रति अपने प्रेम और उसके साथ एकाकार होने की इच्छा व्यक्त करते हैं।
टैगोर सिर्फ एक कलाकार नहीं थे; वह एक विचारक भी थे. वह सादगी, विनम्रता और अहिंसा में विश्वास करते थे। उनकी रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं क्योंकि वे सरल लेकिन प्रभावशाली संदेश देती हैं। वह हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं।’ हम प्रकृति के प्रति उनके प्रेम, मानव जीवन के प्रति उनके सम्मान और उत्कृष्टता की उनकी खोज से सीख सकते हैं।
टैगोर की विरासत उनकी कला और लेखन के माध्यम से जीवित है।