अभ्यास मनुष्य को पूर्ण बनाता है। यह कहावत सच है क्योंकि इससे पता चलता है कि किसी काम को बार-बार करने से हम उसमें अच्छे बन सकते हैं। जब हम पहली बार बाइक चलाने या कोई संगीत वाद्ययंत्र बजाने की कोशिश करते हैं, तो हम गलतियाँ करते हैं। लेकिन अभ्यास के साथ, हम बेहतर होते जाते हैं और अंततः कौशल में महारत हासिल कर लेते हैं। अभ्यास हमें अपनी गलतियों से सीखने और खुद को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। यह हमें धैर्य, अनुशासन और दृढ़ता सिखाता है। एक अच्छा उदाहरण एक एथलीट है जो चैंपियन बनने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करता है। निरंतर अभ्यास से, कोई भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है और जो कुछ भी करता है उसमें निपुण हो सकता है।