त्योहारों के कारण होने वाला प्रदूषण आज एक बड़ा मुद्दा है। लोग साल भर विभिन्न त्योहार मनाते हैं, लेकिन उनकी तैयारियों से पर्यावरण को नुकसान होता है। आतिशबाजी, सजावट और भोजन की बर्बादी वायु और ध्वनि प्रदूषण में योगदान करती है। इसके अलावा, इन समारोहों के दौरान लाखों एकल-उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग किया जाता है, जो महासागरों में चले जाते हैं और समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रकाश व्यवस्था और अन्य गतिविधियों के लिए बिजली की बढ़ती खपत बिजली संसाधनों पर दबाव डालती है। गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के अत्यधिक उपयोग से अधिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन होता है। हमें पर्यावरण पर अपने प्रभाव को कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाना चाहिए।