ओमर अब्दुल्ला की जीवनी – Omar Abdullah Biography in Hindi

ओमर अब्दुल्ला भारतीय राजनीति के एक प्रमुख चेहरे हैं जो जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। यह जीवनी उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से उजागर करती है, जिसमें उनके राजनीतिक करियर, व्यक्तिगत जीवन और समाज में उनके योगदान का उल्लेख किया गया है।

प्रारंभिक जीवन और परिवार

ओमर अब्दुल्ला का जन्म 10 मार्च 1970 को रोहित राजवंश के एक प्रमुख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम फारूक अब्दुल्ला है, जो जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं और उनकी माता का नाम मौली अब्दुल्ला है। उनकी दादी, बेगम आकबर जेहन, एक प्रमुख समाजसेवी और कश्मीरी समाज की मशहूर हस्ती थीं। इस प्रकार, ओमर अब्दुल्ला एक राजनीतिक परिवेश में पले-बढ़े थे जो उनके जीवन और करियर पर गहरे प्रभाव डाला।

शिक्षा

ओमर अब्दुल्ला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सनावर के लॉरेंस स्कूल और श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अपने उच्च शिक्षा के लिए स्कॉटलैंड के स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय से वाणिज्य और प्रबंधन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें आधुनिक और पारंपरिक राजनीतिक समझ का एक अद्वितीय मिश्रण प्रदान किया।

राजनीतिक करियर का आरंभ

ओमर अब्दुल्ला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1998 में की जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (NC) के उम्मीदवार के रूप में भारतीय संसद के लिए चुनाव लड़ा। उन्हें बारामूला संसदीय सीट से चुना गया और उन्होंने पहली बार संसद में प्रवेश किया। इस समय तक, उनके पिता फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे, और यह ओमर के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चरण था।

केन्द्रीय राज्य मंत्री

वाजपेयी सरकार के दौरान, ओमर अब्दुल्ला को केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाया गया और उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, और बेसिक इंस्ट्रीज मंत्रालय में सेवाएं दीं। यह उनकी राजनीतिक समझ और नेतृत्व कौशल को मजबूती प्रदान करने का समय था।

जम्मू और कश्मीर का मुख्यमंत्री

2002 में, ओमर अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस का अध्यक्ष बनाया गया और 2009 तक उन्होंने इस पद का निर्वहन किया। 2009 में हुए विधान सभा चुनावों के दौरान नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पार्टी ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई, और ओमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने।

बतौर मुख्यमंत्री, उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं और नीतियाँ लागू की गईं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनके नेतृत्व में शुरू की गई कुछ प्रमुख परियोजनाओं में श्रीनगर मेट्रो और जम्मू-कश्मीर में नए स्कूलों और अस्पतालों का निर्माण शामिल है।

अशांत समय

ओमर अब्दुल्ला के कार्यकाल के दौरान राज्य में आंतरिक और बाह्य अशांति का सामना करना पड़ा। 2010 में, कश्मीर घाटी में बड़े स्तर पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें कई लोगों की जानें गईं और बड़ी संख्या में घायल हुए। इस समय ओमर अब्दुल्ला को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन अपने राजनीतिक कौशल और दृढ़ता के कारण उन्होंने स्थिति को संभाला।

व्यक्तिगत जीवन

ओमर अब्दुल्ला ने पायल नाथ से विवाह किया, जो दिल्ली के एक प्रमुख व्यापारी परिवार से हैं। उनके दो बेटे हैं, ज़हीन और जमीर। उनकी शादीशुदा जीवन के दौरान भी, कई बार उन्होंने पारिवारिक और राजनीतिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बिठाने का प्रयास किया।

सोशल मीडिया और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति

ओमर अब्दुल्ला सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं और वे ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से अपनी विचारधारा और मुद्दों को साझा करते हैं। उनके सोशल मीडिया हैंडल पर उनके अनुयायियों की संख्या लाखों में है, जो दर्शाते हैं कि वे युवाओं के बीच कितने लोकप्रिय हैं।

समाज में योगदान

ओमर अब्दुल्ला ने न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया। वे अनेक सामाजिक संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं और उन्होंने कश्मीर के युवाओं के लिए रोजगार व शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनकी पहल पर कई गैर-सरकारी संगठनों ने अपनी गतिविधियाँ बढ़ाईं, जो कश्मीर में शांति और विकास के लिए काम कर रहे हैं।

राजनीतिक विचारधारा

ओमर अब्दुल्ला की राजनीतिक विचारधारा नेशनल कांफ्रेंस की परंपराओं और कश्मीरियत के सिद्धांतों पर आधारित है। वे धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, और संघवाद के सिद्धांतों के पालनकर्ता हैं। उनका मानना है कि जम्मू-कश्मीर की पहचान और स्वायत्तता का संरक्षण भारतीय गणराज्य की संप्रभुता और अखंडता के भीतर होना चाहिए।

वर्तमान समय और भविष्य की योजनाएँ

हाल के वर्षों में, ओमर अब्दुल्ला ने अपने राजनीतिक करियर के एक नए चरण में प्रवेश किया है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, उन्होंने अपनी पार्टी के नेतृत्व को मजबूत किया और राज्य की विशेष स्थिति की पुनस्र्थापना के लिए अभियान चलाया।

भविष्य में, ओमर अब्दुल्ला के कई महत्वपूर्ण राजनीतिक योजनाएँ और मंडल में परिवर्तनकारी कदम उठाने की तैयारियाँ हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीकी विकास के क्षेत्रों में नई परियोजनाओं को शुरू करने की दिशा में अधिक ध्यान दे रहे हैं।

निष्कर्ष

ओमर अब्दुल्ला की जीवनी में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत और समग्र रूप शामिल है। उनके राजनीतिक करियर, व्यक्तिगत जीवन, और समाज में योगदान को हम ना केवल एक नेता के रूप में, बल्कि एक समाजसेवी और विचारक के रूप में भी देख सकते हैं। यह जीवनी उनके जीवन और कार्यों का एक संपूर्ण चित्रण प्रस्तुत करती है, जिससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि उन्होंने कश्मीर और भारतीय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण जगह कैसे बनाई।

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