आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस प्रसिद्ध कहावत का अर्थ है कि जब भी हम किसी समस्या का सामना करते हैं या किसी चीज़ की आवश्यकता होती है, तो हमारा दिमाग उसका समाधान खोजने के लिए काम करना शुरू कर देता है। यह एक चिंगारी की तरह है जो हमारे दिमाग में आग जलाती है, जो हमें सोचने और सृजन करने के लिए प्रेरित करती है।
हम सभी जानते हैं कि मनुष्य में अनुकूलन करने और जीवित रहने की अद्भुत क्षमता होती है। जब हमें भूख लगती है तो हम भोजन की तलाश में निकल पड़ते हैं। जब हमें प्यास लगती है तो हम पानी की तलाश करते हैं। इसी प्रकार जब हमारे सामने कोई अन्य प्रकार की समस्या आती है तो हम उसका समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बिल्कुल यही होता है। वैज्ञानिक और आविष्कारक नए विचारों पर काम करते रहते हैं क्योंकि उन्हें किसी ऐसी चीज़ की ज़रूरत दिखती है जो जीवन को आसान या बेहतर बना सके। वे सोचते हैं कि प्रदूषण, गरीबी और बीमारी जैसी समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए।
इस प्रक्रिया का परिणाम अद्भुत आविष्कार हैं जो हमारे जीवन को बदल देते हैं। उदाहरण के लिए, पहिए का आविष्कार चीजों को चलाना आसान बनाने के लिए किया गया था। प्रिंटिंग प्रेस का निर्माण ज्ञान और सूचना को तेजी से फैलाने के लिए किया गया था। संक्षेप में, आवश्यकता हमें समाधान खोजने और नई चीजें बनाने के लिए प्रेरित करती है। इससे मनुष्य को समय के साथ बहुत प्रगति करने में मदद मिली है। और ऐसा जारी रहेगा क्योंकि हम हर दिन नई चुनौतियों का सामना करते हैं।