Mahatma Gandhi Biography in Hindi अर्थात इस article में आप पढेंगे, भारत के राष्ट्रीय पिता महात्मा गाँधी जी की जीवनी हिन्दी में. यदि आप महात्मा गाँधी जी के अनमोल विचार पढना चाहते हैं तो यहाँ पर click कीजिये: Mahatma Gandhi Quotes in Hindi – 250+ महात्मा गाँधी के विचार
महात्मा गांधी
2 अक्टूबर सन् 1869 को भारत की पावन भूमि पर एक महान आत्मा ने जन्म लिया । जिसने भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने का महान कार्य किया । उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था । उनके पिता का नाम कर्मचंद गांधी था तथा माता का नाम पुतलीबाई था । उनकी माता सर्वगुण संपन्न और धर्म परायण महिला थीं ।
गांधीजी छोटे थे तो वे उन्हें वीरता और देशभक्ति की कहानियां सुनाया करती थीं । गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद गांधी था । वे एक सुशिक्षित और सुविचारों वाले व्यक्ति थे । उन्होंने इंग्लैंड से वकालत की डिग्री हासिल की थी । वे चाहते तो वकालत करके खूब दौलत कमा सकते थे और एशो-आराम से पूरा जीवन व्यतीत कर सकते थे, परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया । वे जब वकालत की डिग्री लेकर भारत लौटे तो अंग्रेजों द्वारा भारतवासियों पर हो रहे जुल्मों -को देखकर दंग रह गए ।
उन्होंने भारतवासियों पर हो रहे इस जुल्म को मिटाने का दृढ़ संकल्प लिया और आजादी की लड़ाई में कूद पड़े । गांधीजी हिंसा के विरोधी थे । वे अहिंसावादी थे, उन्होंने अंग्रेज सरकार की नीतियों का अहिंसा पूर्वक विरोध किया । उनकी अहिंसा की नीति से संपूर्ण विश्व प्रभावित हुआ । उनकी इस नीति से धीरे-धीरे अंग्रेजों के पांव भारत से उखड़ने लगे और 15 अगस्त सन् 1947 को ब्रिटिश शासन का संपूर्ण भारत से पतन हो गया । गांधीजी ने अहिंसा के जरिए अंग्रेजों को कंपाकर रख दिया था ।
गांधीजी सच्चे अर्थों में महापुरुष थे । उन्होंने संपूर्ण विश्व को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया । उन्होंने सादा जीवन व्यतीत किया । भारतवासियों ने उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिया । भारतवासी प्यार से उन्हें बापू भी कहते हैं । महात्मा गांधी ने आजादी के साथ-ही-साथ देश में व्याप्त अन्य बुराइयों जैसे जाति-प्रथा, दहेज-प्रथा, रुढ़िवादिता आदि का पुरजोर विरोध किया और इसे देश की उन्नति के मार्ग में भारी रुकावट बताया । उन्होंने स्त्रियों को शिक्षित करने के लिए भी कदम उठाए, उनके अनुसार स्त्रियां भी देश के विकास में उतनी ही सहायक हैं जितना कि पुरुष ।
उनका राजनीति से कोई लगाव नहीं था । वे तो मानव कल्याण हेतु अपना सर्वस्व लुटाना चाहते थे । गांधीजी ने सत्य, अहिंसा और सदाचरण के द्वारा जनता का कल्याण किया । उन्होंने आजादी के पश्चात शांति हेतु अपने आश्रम में अपना अधिकतर समय बिताया । वहां वे भूले-भटके लोगों को उरपने उपदेशों द्वारा सही मार्ग दिखाते थे । उन्होंने गरीबों और बेसहारों को सहारा दिया ।
दीन-दुखियों के दुख को अपना दुख समझा और उन्हें खुशहाल बनाने का हर संभव प्रयास किया । उनका संपूर्ण जीवन मानव कल्याण में बीता । 30 जनवरी, सन् 1948 को संध्या समय जब गांधीजी पूजा-पाठ करके अपने शिष्यों के साथ उग रहे थे तो एक अज्ञानी नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी । इस तरह एक महान पुरुष की जीवन-लीला समाप्त हुई । वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा दिया गया ज्ञान आज भी हमें सत्य और अहिंसा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है ।
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