भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में खजुराहो का नाम अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह स्थल मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है और न केवल भारतीय कला और संस्कृति का प्रमुख केंद्र है, बल्कि यह पूरे विश्व में मशहूर है। खजुराहो की वास्तुकला, मूर्तिकला और यहाँ की मंदिर श्रेणियाँ इतिहास के उन अनमोल खजानों में गिनी जाती हैं, जो आज भी अनेक सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
खजुराहो का इतिहास
खजुराहो की वास्तुकला के पीछे एक महान ऐतिहासिक पृष्ठभूमि छुपी हुई है। यह स्थल 10वीं शताब्दी के आसपास चंदेल वंश द्वारा स्थापित किया गया था। चंदेल राजाओं ने यहाँ 85 मंदिरों का निर्माण कराया था, जिसमें से आज केवल 22 मंदिर ही संरक्षित रह गए हैं।
चंदेल वंश की स्थापना के बाद, खजुराहो जल्द ही एक बौद्धिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया। यह स्थल हिंदू और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल भी बना। खजुराहो के मंदिर मुख्यतः हिंदू धर्म से संबंधित हैं, लेकिन यहाँ जैन मंदिर भी देखने को मिलते हैं।
चंदेल वंश का योगदान
चंदेल वंश के राजाओं ने कला, संगीत, नृत्य और साहित्य को बहुत प्रोत्साहित किया। खजुराहो के मंदिरों की अद्वितीय मूर्तिकला और स्थापत्य शैली इसी का प्रमाण है। इन मंदिरों की निर्माण कला इतनी उत्तम है कि यह स्वयं में ही राजवंश के समृद्ध इतिहास और कला के प्रति उनके प्रेम को दर्शाती है।
खजुराहो का वास्तुकला
खजुराहो के मंदिर विभिन्न स्थापत्य शैलियों का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करते हैं। यहाँ के मंदिरों की विभिन्न प्रकार की मूर्तियाँ, चित्र और दीवारें एक विशेष प्रकार के स्थापत्यकला का परिचय देती हैं।
नागर शैली का उपयोग
खजुराहो के मंदिर नागर शैली के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इस शैली की विशेषता है ऊँचे पीठ, उर्ध्वमुख शिखर और दीवारों पर की गई उत्कृष्ट मूर्तिकारी। हर मंदिर में अनेक मंडप, गर्भगृह और प्रवेश द्वार होते हैं, जिनमें सूक्ष्म विस्तार के साथ की गई नक्काशी देखने लायक होती है।
मंदिरों की विशेषताएँ
खजुराहो के मंदिरों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है उनकी विशाल और जटिल मूर्तिकला। यहाँ की मूर्तियाँ न केवल धार्मिक कथाओं और पौराणिक घटनाओं को चित्रित करती हैं, बल्कि उन्हें मानव जीवन की विभिन्न भावनाओं, गतिविधियों और संबंधों को भी प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
प्रमुख मंदिर
खजुराहो के अधिकांश मंदिर भगवान शिव, भगवान विष्णु और जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं। यहाँ कुछ प्रमुख मंदिरों का विवरण दिया गया है:
कंदरिया महादेव मंदिर
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो के सबसे बड़े और भव्य मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी ऊँचाई लगभग 31 मीटर है। इस मंदिर की मूर्तिकला और नक्काशी इतनी सूक्ष्म और उत्कृष्ट है कि यह इसकी वास्तुशिल्प कुशलता का जीवंत प्रमाण पेश करती है।
लक्ष्मण मंदिर
लक्ष्मण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह अपनी उत्कृष्ट मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में विष्णु के अनेक रूपों के साथ-साथ अन्य देवताओं और देवी-देवियों की भी मूर्तियाँ स्थित हैं।
विश्वनाथ मंदिर
विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह खजुराहो के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इस मंदिर में एक विशाल नंदी बैल की मूर्ति भी है, जो बहुत ही खूबसूरत है।
छत्रभुज मंदिर
छत्रभुज मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप को समर्पित है और इसमें चार भुजाओं वाले विष्णु की एक भव्य मूर्ति स्थित है। इस मंदिर की वास्तुकला और देवाल की सुंदरता इसे अनोखा बनाती है।
खजुराहो का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
खजुराहो का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत बड़ा है। यहाँ के मंदिर भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन मंदिरों में की गई मूर्तिकला धार्मिक कथाओं, पुराणों और महाकाव्यों के दृश्य प्रस्तुत करती है, जो सदैव ही जनमानस को आकर्षित करती रही है।
धार्मिक अनुष्ठान
खजुराहो के मंदिर न केवल स्थापत्य कला का उदाहरण हैं, बल्कि यहाँ धार्मिक अनुष्ठानों का भी बहुत बड़ा महत्व है। यहाँ आयोजित धार्मिक उत्सवों और अनुष्ठानों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं और अपनी आस्था को प्रकट करते हैं।
संस्कृतिक उत्सव
खजुराहो का नृत्य महोत्सव एक प्रमुख सांस्कृतिक आयोजन है, जो प्रत्येक वर्ष फरवरी माह में आयोजित किया जाता है। इस महोत्सव में भारत और विदेशों से आए प्रख्यात नर्तक और संगीतकार कला के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। यह महोत्सव भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।
समाप्ति
खजुराहो की मूर्तिकला और वास्तुकला प्राचीन भारतीय कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। यह स्थल न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुका है। खजुराहो के मंदिरों की सौंदर्यता, उनकी नक्काशी और मूर्तिकला की कला ने इसे एक अद्वितीय स्थान बना दिया है, जो सैलानियों और कलाप्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रस्तुत करता है।
अगर आप भारतीय इतिहास, संस्कृति और कला के प्रेमी हैं, तो खजुराहो का दौरा अवश्य करें। यह एक ऐसा स्थल है, जो आपको भारतीय स्थापत्य कला की गहराइयों में ले जाएगा और आपको अपने गौरवशाली इतिहास से परिचित कराएगा।