Hindi Suvichar अर्थात इस article में पढेंगे आप हिन्दी सुविचार. यहाँ पर हमने आपके लिए हिन्दी सुविचारों की एक बहुत बड़ी collection दी हुयी है.
ज़माना बड़ा ख़राब है
Contents
तू छोड़ दे कोशिशें;
इन्सानों को पहचानने की !
यहाँ जरुरतों के हिसाब से;
सब बदलते नकाब हैं !
अपने गुनाहों पर;
सौ पर्दे डालकर,
हर शख़्स कहता है;
“ज़माना बड़ा ख़राब है”
ख़ुशी एक एहसास है
ख़ुशी एक एहसास है जिसकी हर किसी को तलाश है
ख़ुशी एक एहसास है;
जिसकी हर किसी को तलाश है,
गम एक ऐसा अनुभव है;
जो सबके पास है,
मगर ज़िन्दगी तो वही जीता है;
जिसको खुद पर विश्वास हो ।
ख़ुशी के अपने-अपने मायने हैं जनाब;
एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था;
तो दूसरा उसे बेच कर ।
खुशी के लिए काम करोगे तो;
ख़ुशी नहीं मिलेगी,
लेकिन खुश होकर काम करोगे,
तो ख़ुशी और सफलता दोनों ही मिलेगी ।
खुशियों का कोई रास्ता नहीं;
खुश रहना ही एक रास्ता है ।
खुशियाँ मिलती नहीं माँगने से;
मंज़िल मिलती नहीं राह पर रुक जाने से;
भरोसा रखना खुद पर और अपने रब पर;
सब कुछ देता है वो सही वक़्त आने पर ।
खुशियाँ उतनी ही अच्छी;
जितनी मुट्ठियों में समा जाएँ;
छलकती, बिखरती खुशियो को;
अक्सर नजर लग जाया करती है ।
यदि;
आप दूसरों में खुशियाँ तलाशते हैं तो;
आप अकेले हो सकते हैं ।
पर;
इन्हें खुद में तलाशेंगे तो;
अकेले रहने पर भी आप खुश रह सकते हैं ।
उदास लम्हों की न कोई याद करना
तूफान में भी वजूद अपना संभाल कर रखना
किसी की ज़िंदगी की खुशी हो तुम
यही सोच कर अपना ख्याल रखना ।
ख़ुशी एक एहसास है जिसकी हर किसी को तलाश है
ख़ुशी एक एहसास है;
जिसकी हर किसी को तलाश है,
गम एक ऐसा अनुभव है;
जो सबके पास है,
मगर ज़िन्दगी तो वही जीता है;
जिसको खुद पर विश्वास हो ।
ख़ुशी के अपने-अपने मायने हैं जनाब;
एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था;
तो दूसरा उसे बेच कर ।
खुशी के लिए काम करोगे तो;
ख़ुशी नहीं मिलेगी,
लेकिन खुश होकर काम करोगे,
तो ख़ुशी और सफलता दोनों ही मिलेगी ।
खुशियों का कोई रास्ता नहीं;
खुश रहना ही एक रास्ता है ।
खुशियाँ मिलती नहीं माँगने से;
मंज़िल मिलती नहीं राह पर रुक जाने से;
भरोसा रखना खुद पर और अपने रब पर;
सब कुछ देता है वो सही वक़्त आने पर ।
खुशियाँ उतनी ही अच्छी;
जितनी मुट्ठियों में समा जाएँ;
छलकती, बिखरती खुशियो को;
अक्सर नजर लग जाया करती है ।
यदि;
आप दूसरों में खुशियाँ तलाशते हैं तो;
आप अकेले हो सकते हैं ।
पर;
इन्हें खुद में तलाशेंगे तो;
अकेले रहने पर भी आप खुश रह सकते हैं ।
उदास लम्हों की न कोई याद करना
तूफान में भी वजूद अपना संभाल कर रखना
किसी की ज़िंदगी की खुशी हो तुम
यही सोच कर अपना ख्याल रखना ।
प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है
प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार और प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान है –
“प्रेम शब्द से न चिढ़ो। यह हो सकता है कि तुमने जो प्रेम समझा था वह प्रेम ही नहीं था। उससे ही तुम जले बैठे हो और यह भी मैं जानता हूँ कि दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँककर पीने लगता है। तुम्हें प्रेम शब्द सुनकर पीड़ा उठ आती होगी, चोट लग जाती होगी। तुम्हारे घाव हरे हो जाते होंगे। फिर से तुम्हारी अपनी पुरानी यादें उभर आती होंगी।
लेकिन मैं उस प्रेम की बात नहीं कर रहा हूँ। मैं जिस प्रेम की बात कर रहा हूँ उस प्रेम का तो तुम्हें अभी पता ही नहीं है, और मैं जिस प्रेम की बात कर रहा हूँ वह तो कभी असफल होता ही नहीं और मैं जिस प्रेम की बात कर रहा हूँ उसमें अगर कोई जल जाए तो निखरकर कुंदन बन जाता है, शुद्ध स्वर्ण हो जाता है।
मैं जिस प्रेम की बात कर रहा हूँ उसमें जलकर कोई जलता नहीं और जीवंत हो जाता है।
व्यर्थ जल जाता है, सार्थक निखर आता है।”
– ओशो
हमेशा प्रेम की भाषा बोलिए,
इसे बहरे भी सुन सकते हैं और
गूंगे भी समझ सकते हैं ।
kisi ko prem dena ek uphar hai
किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है
और किसी का प्रेम पाना
सबसे बड़ा सम्मान है।
प्रेम चाहिए तो समर्पण खर्च करना होगा;
विश्वास चाहिए तो निष्ठा खर्च करना होगी;
साथ चाहिए तो समय खर्च करना होगा;
किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं;
मुफ्त तो हवा नहीं मिलती;
एक साँस भी तब आती है;
जब एक साँस छोड़ी जाती है ।
Prem Ek Judav Hai
प्रेम एक जुड़ाव है,
कोई बंधन नहीं क्योंकि
बाँधनेे के लिए लाजिमी है गाँठ लगाना
और
जहाँ गाँठ है वहाँ बंधन तो हो सकता है परंतु
प्रेम नहीं ।
प्रेम कोई शब्द नहीं,
जिसे लिख पाओगे
प्रेम कोई अर्थ नहीं,
जिसे समझ पाओगे
ये तो वीणा का सफर है
बह गए तो बस बहते चले जाओगे ।
Prem Bachpan Mein
प्रेम बचपन में मुफ्त मिलता है
जवानी में कमाना पड़ता है
और
बुढ़ापे में मांगना पड़ता है।
Pyar Aur Taqat Mein Fark
प्यार और ताकत में फर्क :
ये कभी मत सोचो “हम से जो टकरायेगा वो चूर चूर हो जायेगा”;
बल्कि यह सोचो “हम से जो टकरायेगा वो हमारा हो कर जायेगा”;
हमेशा प्रेम प्रदर्शित करो न कि ताकत;
क्योकि समय आने पर वो सामने वाले को अपने आप ही दिख जायेगी ।
Prem Na Dava Karta Hai
प्रेम न दावा करता है
न क्रोध करता है
न बदला लेता है
वह सदा देता है
और तकलीफ उठाता है ।
वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है;
उसके पचास संकट हैं,
वो जो किसी से प्रेम नहीं करता;
उसके एक भी संकट नहीं हैं ।
– भगवान बुद्ध
पुरुष से पिता तक का सफर
पत्नी जब स्वयं माँ बनने का समाचार सुनाये और वो खबर सुन,
आँखों से खुशी के आँसू टप-टप गिरने लगे
तब … आदमी……
“पुरुष से पिता बनता है”
नर्स द्वारा कपडे में लिपटा कुछ पाउण्ड का दिया जीव,
जवाबदारी का प्रचण्ड बोझ का अहसास कराये
तब …..आदमी…..
“पुरुष से पिता बनता है”
रात-आधी रात, जागकर पत्नी के साथ, बेबी का डायपर बदलता है,
और बच्चे को कमर में उठा कर घूमता है,
उसे चुप कराता है, पत्नी को कहता है तू सो जा मैं इसे सुला दूँगा।
तब……….आदमी……
“पुरुष से, पिता बनता हैं”
मित्रों के साथ घूमना, पार्टी करना जब नीरस लगने लगे और
पैर घर की तरफ बरबस दौड़ लगाये
तब ……..आदमी……
“पुरुष से पिता बनता है”
“हमने कभी लाईन में खड़ा होना नहीं सीखा ” कह,
ब्लैक में टिकट लेने वाला,
बच्चे के स्कूल में दाखिले का फॉर्म लेने हेतु पूरी ईमानदारी से सुबह 4 बजे से लाईन में खड़ा होने लगे
तब …..आदमी….
“पुरुष से पिता बनता है”
जिसे सुबह उठाते साक्षात कुम्भकरण की याद आती हो
और वो जब रात को बार बार उठ कर ये देखने लगे कि मेरा हाथ या पैर कहीं
बच्चे के ऊपर तो नहीं आ गया एवम् सोने में पूरी सावधानी रखने लगे
तब …..आदमी…
“पुरुष से पिता बनता है”
असलियत में एक ही थप्पड़ से सामने वाले को चारो खाने चित करने वाला,
जब बच्चे के साथ झूठ-मूठ की लड़ाई में बच्चे की नाजुक थप्पड़ से जमीन पर गिरने लगे
तब…… आदमी……
“पुरुष से पिता बनता है”
खुद भले ही कम पढ़ा या अनपढ़ हो, काम से घर आकर बच्चों को
“पढ़ाई बराबर करना, होमवर्क पूरा किया या नहीं”
बड़ी ही गंभीरता से कहे
तब ….आदमी……
“पुरुष से पिता बनता है”
खुद ही की कल की मेहनत पर ऐश करने वाला,
अचानक बच्चों के आने वाले कल के लिए आज हालात से समझोता करने लगे
तब ….आदमी…..
“पुरुष से पिता बनता है”
ऑफिस का बॉस, कईयों को आदेश देने वाला,
स्कूल की पेरेंट्स मीटिंग में क्लास टीचर के सामने डरा सहमा सा,
कान में तेल डाला हो ऐसे उनके हर निर्देशों को ध्यान से सुनने लगे
तब ….आदमी……
“पुरुष से पिता बनता है”
खुद की पदोन्नति से भी ज्यादा बच्चे की स्कूल की सादी यूनिट टेस्ट की ज्यादा चिंता करने लगे
तब ….आदमी…….
“पुरुष से पिता बनता है”
खुद के जन्मदिन का उत्साह से ज्यादा बच्चों के जन्मदिन की पार्टी की तैयारी में मग्न रहे
तब …. आदमी…….
“पुरुष से पिता बनता है”
हमेशा अच्छी अच्छी गाड़ियों में घुमाने वाला, जब बच्चे की सायकल की सीट पकड़ कर
उसके पीछे भागने में खुश होने लगे
तब ……आदमी….
“पुरुष से पिता बनता है”
खुद ने देखी दुनिया, और खुद ने की अगणित भूले,
पर बच्चे न करे, इसलिये उन्हें टोकने की शुरुआत करे
तब …..आदमी……
“पुरुष से पिता बनता है”
बच्चों को कॉलेज में प्रवेश के लिए, किसी भी तरह पैसे ला कर
अथवा वर्चस्व वाले व्यक्ति के सामने दोनों हाथ जोड़े
तब …….आदमी…….
“पुरुष से पिता बनता है”
“आपका समय अलग था,
अब ज़माना बदल गया है,
आपको कुछ मालूम नहीं”
“This is Generation Gap”
ये शब्द खुद ने कभी बोला ये याद आये और मन ही मन बाबूजी को याद कर माफी माँगने लगे
तब ….आदमी……..
“पुरुष से पिता बनता है”
लड़का बाहर चला जाएगा, लड़की ससुराल, ये खबर होने के बावजूद,
उनके लिए सतत प्रयत्नशील रहे
तब …आदमी……
“पुरुष से पिता बनता है”
बच्चों को बड़ा करते करते कब बुढ़ापा आ गया, इस पर ध्यान ही नहीं जाता,
और जब ध्यान आता है तब उसका कोइ अर्थ नहीं रहता;
तब ……आदमी…….
“पुरुष से पिता बनता है” ।
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