मैं इस काबिल तो नही,
कि कोई अपना समझे,
पर इतना यकीन है,
कोई अफसोस जरूर करेगा,
मुझे खो देने के बाद..
लाख दाग क्यों न हो दामन में
पर चोर मेरे मन में तो नही..
अगर ना समझे वो इस बात को
तो मेरे इश्क के काबिल वो नही..
रोता वही है जिसने महसूस किया हो सच्चे रिश्ते को..
वरना मतलब के रिश्तें रखने वाले को तो कोई भी नही रूला सकता..
बहुत रोये वो हमारे पास आके
जब एहसास हुआ अपनी गलती का
चुप तो करा देते हम,
अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता
जो अपनी कमजोरियों मे आग लगा सकते है,
उन्हें हक है वो सूरज से आंख मिला सकते है,
बुलंदिया ही जिनका मकसद बन गई हों,
वो मुश्किलों से अपनी मंजिल छीन सकते है।
याद हमें है अब तक उनका चेहरा वो मासूम भरा.
पीड़ा का अहसास किया है जख्म वो देखा सदा हरा.
लेकिन हिम्मत गजब की उसमें जाने कहां से आई है.
खूब थपेड़े खाऐ फिर भी दिखा नहीं वो जरा डरा.
ज़िन्दगी मुस्कुरा कर बोली मुझसे की
हर सवाल का जवाब तुझ में हैं ,
ढूँढना है तोह खुद को पहचान,
फिर कहलायेगा तू सच्चा इंसान…
पूछो ना उस कागज से,
जिस पर हम दिल की बातें लिखते है,
वो कलम भी दीवानी हो गयी,
जिससे हम तुम्हारा नाम लिखते है..
इस उम्मीद से मत फिसलो, कि तुम्हें कोई उठा लेगा
सोच कर मत डूबो दरिया में, कि तुम्हें कोई बचा लेगा
ये दुनिया तो एक अड्डा है, तमाशबीनों का दोस्तों
गर देखा तुम्हें मुसीबत में तो, यहां हर कोई मज़ा लेगा..
नींद में भी गिरते हैं मेरी आँख से आंसू
जब भी तुम ख्वाबों में मेरा हाथ छोड़ देती हो..
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ॥
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है ॥
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है ॥
कितना अजीब है, अन्दाज तेरी मोहब्बत का..
रुला के कहते हो अपना ख्याल रखना..
उसने पुछा,जिंदगी किसने बरबाद की हैं ?
हमने उंगली उठाई और अपने ही दिल पे रख दी
अब न ख्व़ाबों से, ख़िलौनों से, बहल पाऊँगा,
वक़्त गुम हो गया, मुझसे मेरा बचपन लेकर
—-
जो मौत से ना डरता था, बच्चों से डर गया…
एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया…!
—-
मुझे अपने लफ़्जो से आज भी शिकायत है,
ये उस वक़त चुप हो गये जब इन्हें बोलना था…
वक़्त के पन्नो को पलट कर कुछ याद आता है. वो गुज़रा कल जिसे दिल चाहता है कभी बिताए थे लम्हे साथ मिलकर, आज उन दोस्तो को देखने को दिल तरस जाता है
ख़याल में आता है जब उसका चेहरा, तो लबों पे अक्सर फरियाद आती है हम भूल जताए हाइन उसके सारे सितम.., जब उसकी थोरी सी मुहब्बत याद आती है.
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बहुत ही सुंदर संग्रह हैं शायरियो का… आज इन में से काफी सारी मेरी डायरी के पन्नो में जाएंगी. इन शायरियो के लिए आपकी बहुत बहुत आभारी हु.
यु ही सुंदर शायरियाँ लिखते रहियेगा
धन्यवाद 🙂