वक्त गुजरता रहा सांसें थम सी थी,
मुस्कुरा रहे थे हम पर आँखों में नमी सी थी,
साथ हमारे ये जहाँ था सारा पर,
ना जाने क्यूँ तुम्हारी कमी सी थी..
आने को कोई लम्हाँ,खुशहाल आ सकता है।
लेकिन फिर से तेरा भी, खयाल आ सकता हैं।
फिर हवाओ ने अपना रुख, बदला हैं शायद।
सुखी डालियौ पर ,जमाँल आ सकता हैं।
बहुत गेहरे हो गये है, गम के अन्धेरे अबतो।
ऐक जुगनू भी करने,कमाल आ सकता हैं
हदे पार हो रही हैं, फिर हैवानियत कि
फिर खुने-वतन में ,उबाल आ सकता हैं।
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ
ऐ खुदा,
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..
तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,
तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा,
मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है,
तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा..
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है,
खामोशियों की आदत हो गई है,
ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत, जो इन तन्हाईयों से हो गई है..
हँसी आपकी कोई चुरा न पाए,
आपको कभी कोई रुला न पाए,
खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी मे आपके,
कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा न पाए..
देखो तो सही उनकी चाहत में,
क्या नोबत आ गई,
ये हवा भी अब ताना मार ने लगी की,
तुम तडपते रहे गऐ और मैं तो उन्हें छु कर आ गई..
क्यों इतना करीब चला आता है कोई
क्यों मुहब्बत का एहसास दिला जाता है कोई
जब आदत सी हो जाती है इस दिल को उसकी
तो क्यों फिर दूर चला जाता है कोई
काश ! तुम जो मेरे हमसफर न होते।
फिर मेरे दिल को ये घेरे भी न होते।
दिल एक टुटा हूआ सितारा न होता।
इश्क के मौसम में ये अवारा न होता।
गजलों का हुनर साकी को सिखाएंगे,
रोएंगे मगर आंसू नहीं आएंगे,
कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं,
दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे..
हर दिल में दर्द छुपा होता है,
बयाँ करने का अंदाज़ जुदा होता है,
कोई अश्कों से बहा देता है और,
किसी की हंसी में भी दर्द छुपा होता है..
जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की,
बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की।
जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की,
बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की।
बड़ी बड़ी लहरों से वो बच के निकल गयी,
तुफानो को धोका देके, बहकी लेकिन संभल गयी,
बस इतनी सी बात समंदर को खल गयी,
एक काग़ज़ की नाँव मुझपे कैसे चल गयी।
पास आपके दुनिया का हर सितारा हो,
दूर आपसे गम का हर किनारा हो,
जब भी आपकी पलके खुले सामने वही हो,
जो आपको दुनिया में सबसे प्यारा हो..
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
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बहुत ही सुंदर संग्रह हैं शायरियो का… आज इन में से काफी सारी मेरी डायरी के पन्नो में जाएंगी. इन शायरियो के लिए आपकी बहुत बहुत आभारी हु.
यु ही सुंदर शायरियाँ लिखते रहियेगा
धन्यवाद 🙂