Hindi Shayari. यहाँ पर आपको मिलेगी अब तक की सबसे बड़ी और बढ़िया हिन्दी शायरी की collection. इसमें regularly नईं शायरी add की जाती है ताकि आप रोज़ अपना मन बहला सकें.
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Hindi Shayari – हिन्दी शायरी
दो कदम तो सभी चल लेते हैं पर,
ज़िन्दगी भर साथ कोई नहीं निभाता,
अगर रो कर भुला सकते यादें,
तो हँस कर कोई अपने गम न छुपाता..
वो छोड़ के गए हमें,
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी,
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं,
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी..
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ नहीं देखा,
तुम्हारे बाद किसी की तरफ नहीं देखा,
ये सोच कर के तेरा इंतजार लाजिम है,
तमाम उम्र घडी की तरफ नहीं देखा..
फासले जिस्म को तो दूर ले जाते हैं,
पर दिलों के शहर तो उजड़ते नहीं,
आँखों से आँखों का रिश्ता टूट जाए भी तो,
साथ देखे हुए ख्वाब तो मिटते नहीं..
जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें,
आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगे,
ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया,
वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें..
महफिल में मुस्कुराना मेरा मिजाज बन गया,
तन्हाई में रोना भी एक राज बन गया,
दिल के जख्म को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
यही जिन्दगी में मेरे जीने का अंदाज बन गया..
वो जी रही है मेरे बिन कारण समझता हुँ,
फिर भी याद मे उसकी क्यो इतना उलझता हुँ,
मुझको है पता कि क्या है उसके मेरे दरमियान,
फिर भी आज भी उसको मे अपना समझता हुंँ..
वो रुलाकर हँस ना पाया देर तक,
जब मैं रो कर मुस्कुराया देर तक,
गुन गुनाता जा रहा था एक फकीर,
धूप रहती है ना साया देर तक..
समेट लो इन नाजुक पलों को,
न जाने ये लम्हे कल हो न हो,
चाहे हो भी ये लम्हें,
क्या मालुम शामिल उन पलों में हम हो न हो..
जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं,
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं,
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ,
गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं..
इस अजनबी दुनिया में अकेली ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटी सी जवाब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द की सैलाब हूँ मैं..
कल बड़ा शोर था मयखाने में,
बहस छिड़ी थी जाम कौन सा बेहतरीन है,
हमने तेरे होठों का ज़िक्र किया,
और बहस खतम हुयी..
दर्द का एहसास जानना है तो प्यार करके देखो,
अपनी आँखों में किसी को उतार कर देखो,
चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,
ये एहसास जानना हो तो दिल हार कर देखो..
तेरी आँखो को किस की जुस्तजू है,
क्यू शाम से चरागँ जला के बेठे हो,
ये रात महक जाती है फूलो की मानिंद,
किस फरिश्ते को गले लगा के बेठे हो..
आँखों के सामने हर पल आपको पाया हैं,
अपने दिल में भी सिर्फ आपको ही बसाया हैं,
आपके बिना हम जिए भी तो कैसे,
भला जान के बिना भी कोई जी पाया हैं..
जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ,
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हुँ,
मिलने की उमंग बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हुँ..
तू रूठा रूठा सा लगता है,
कोई तरकीब बता मनाने की,
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा,
तू क़ीमत बता मुस्कुराने की..
एक अजीब सा मंजर नज़र आता हैं,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं..
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बहुत ही सुंदर संग्रह हैं शायरियो का… आज इन में से काफी सारी मेरी डायरी के पन्नो में जाएंगी. इन शायरियो के लिए आपकी बहुत बहुत आभारी हु.
यु ही सुंदर शायरियाँ लिखते रहियेगा
धन्यवाद 🙂