बादशाह अकबर और बीरबल की कहानियों में कई अद्वितीय और मनोरंजक घटनाएं होती थीं, जो उनकी चतुराई और बुद्धिमत्ता को दर्शाती थीं। ऐसी ही एक मशहूर कहानी है “गधे की परछाई”। आइए जानते हैं इस कहानी को विस्तार से:
कहानी की शुरुआत
एक बार की बात है, अकबर दरबार में बैठे थे और दरबारियों के साथ आम चर्चा कर रहे थे। उसी समय एक व्यापारी दरबार में आया और न्याय की गुहार लगाई। व्यापारी ने बताया कि उसने एक धोबी से गधा उधार लिया था ताकि वह अपने कुछ सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सके।
व्यापारी की समस्या
व्यापारी ने कहा, “जहाँपनाह, मैंने धोबी से गधा उधार लिया था और इसके बदले उसे किराया देने के लिए सहमत हुआ था। लेकिन वापसी के समय धोबी ने मुझसे गधे की परछाई का भी किराया माँग लिया। यह न सिर्फ अव्यावहारिक है, बल्कि जायज भी नहीं।”
अकबर ने व्यापारी की समस्या सुनी और बीरबल से राय मांगी। बीरबल ने कहा कि उन्हें धोबी को भी बुलाना चाहिए ताकि दोनों पक्षों को सुना जा सके। अकबर ने तुरंत आदेश दिया कि धोबी को दरबार में बुलाया जाए।
धोबी का पक्ष
धोबी दरबार में पहुँचा और उसने भी अपनी बात रखी। धोबी ने कहा, “जहाँपनाह, मैंने व्यापारी को गधा दिया था और उसे किराया निर्धारित किया था। गधा जब व्यापार के काम में था, तो उसकी परछाई व्यापारी के लिए उपयोगी थी। इसलिए, परछाई का भी किराया लिया जाना चहिए।”
बीरबल की चतुराई
अकबर ने बीरबल की ओर देखा और कहा, “बीरबल, अब तुम इस मामले का समाधान करो।” बीरबल ने थोड़ी देर सोचने के बाद एक योजना बनाई और कहा, “जहाँपनाह, इस विवाद का समाधान संभव है। लेकिन इसके लिए हमें एक दिन की आवश्यकता होगी।”
अकबर ने बीरबल की बात मान ली और अगले दिन दोनों पक्षों को फिर से दरबार में बुलाया गया।
न्याय का दिन
अगले दिन बीरबल ने एक बड़ी दीवार पर एक गधे की परछाई बनाई। उसने कहा, “धोबी, तुम्हारी बात सही है। गधे की परछाई भी कीमती है। इसलिए, तुम्हें गधे की परछाई का किराया मिलना चाहिए।”
बीरबल ने फिर व्यापारी से कहा, “तुम्हें इस दीवार पर बनी गधे की परछाई को जितनी देर तक देखना है, तुम देख सकते हो। इसके बाद तुम हमें परछाई का किराया दे सकते हो।”
व्यापारी और धोबी, दोनों बीरबल की बुद्धिमत्ता से चकित रह गए। धोबी ने अपनी गधे की परछाई का दावा वापस ले लिया और व्यापारी ने भी किराया देने का वचन दिया। इस प्रकार, बीरबल ने एक जटिल मामले को चतुराई से हल कर दिया।
निष्कर्ष
अकबर और बीरबल की कहानियों से हमें हर समस्याओं का हल बुद्धिमत्ता और समझदारी से करने की प्रेरणा मिलती है। “गधे की परछाई” की इस कहानी से भी यह सिखने को मिलता है कि किसी भी समस्या का हल संभव है, बस हमें अपनी सोच और समझ का सही उपयोग करना आना चाहिए।