भ्रूणहत्या, जिसे कन्या शिशुहत्या भी कहा जाता है, हमारी दुनिया के कुछ हिस्सों में एक दुखद और परेशान करने वाली वास्तविकता है। इसमें अजन्मी लड़कियों को मारना या छोड़ देना शामिल है। इस बुरी प्रथा का मूल कारण गहरी जड़ें जमा चुके लिंगभेद और पितृसत्तात्मक समाज में है जहां लड़कियों की तुलना में लड़कों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके कारण हर साल हजारों कन्या भ्रूणों की नृशंस हत्या हो जाती है। ऐसे कृत्य न केवल मानवता के विरुद्ध हैं बल्कि राष्ट्र की क्षमता और प्रतिभा को भी ख़त्म करते हैं। हमें अपने समाज को शिक्षित करना चाहिए कि लिंग की परवाह किए बिना सभी मानव जीवन का समान मूल्य है। आइए हम इस क्रूर प्रथा को रोकने और सभी के लिए समानता को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाएं।