डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के एक महान विद्वान, दार्शनिक और राजनेता थे। उन्होंने हमारे देश के इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तमिलनाडु में जन्मे डॉ. राधाकृष्णन अपने स्कूल के दिनों से ही एक उत्कृष्ट छात्र थे। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उन्होंने प्रथम श्रेणी सम्मान के साथ मास्टर डिग्री हासिल की। दर्शनशास्त्र के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें इस विषय पर दुनिया के महानतम विद्वानों में से एक बना दिया।
डॉ. राधाकृष्णन ने कई विश्वविद्यालयों के कुलपति और भारत के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। एक शिक्षक के रूप में, वह शिक्षा में नैतिक मूल्यों के महत्व में विश्वास करते थे। वह चाहते थे कि छात्र न केवल किताबें बल्कि अच्छे शिष्टाचार और व्यवहार भी सीखें।
एक राजनीतिज्ञ के रूप में, डॉ. राधाकृष्णन भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे। उन्होंने हमारे देश की आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बाद में वह भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। राज्य के प्रमुख के रूप में, उन्होंने लोगों के बीच शिक्षा, एकता और शांति को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया। डॉ. राधाकृष्णन एक कुशल लेखक भी थे और उन्होंने दर्शनशास्त्र पर कई पुस्तकें प्रकाशित कीं। उन्हें भारत के सच्चे सपूत के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और करुणा से पीढ़ियों को प्रेरित किया।