एक बार की बात है, बादशाह अकबर और उनके नवरत्नों में सबसे चतुर और प्रिय मंत्री, बीरबल के बीच कुछ ऐसा हुआ जिसे हम “एक तिल का पहाड़” कहते हैं। यह कहानी उनके अनोखे बुद्धि और समझदारी का एक और शानदार उदाहरण है।
अकबर के दरबार में एक दिन, एक जमींदार आया और अकबर से न्याय की गुहार लगाते हुए बोला, “जहांपनाह, मेरे पड़ोसी ने मेरे खेत का एक तिल चोरी कर लिया है। मुझे न्याय चाहिए।”
अकबर ने थोड़ा हंसते हुए बीरबल की ओर देखा और बोले, “बीरबल, इस मामूली तिल के मसले पर क्या किया जाए? क्या ये सच में न्याय का मामला है या कोई और बात है?”
बीरबल मुस्कराया और बोला, “जहांपनाह, इस शख्स की बात सुनी जानी चाहिए। संभवतः ये कोई गंभीर मामला हो सकता है। मुझे कुछ समय दीजिए, मैं इसके बारे में तहकीकात करूंगा।”
बीरबल ने जमींदार को बुलाया और पूछा, “क्या तुम सच में यह कह रहे हो कि तुम्हारे पड़ोसी ने तुम्हारे खेत से सिर्फ एक तिल चोरी किया है?”
जमींदार ने जवाब दिया, “जी हां, हुजूर। अगर आप मुझे न्याय नहीं देंगे, तो मैं क्या कर सकता हूं?”
बीरबल ने जमींदार के बताए खेत का मुआयना करने का निर्णय लिया और अपने साथ कुछ सैनिक लेकर वहां पहुंचा। जब वे खेत पर पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि पड़ोसी के खेत में भी वही तिल उग रहे थे। बीरबल ने दोनों खेतों के बीच की जमीन को नापा और कुछ खास निरीक्षण किया।
उन्होंने पाया कि जमींदार का खेत कुछ बड़ा था, और पड़ोसी के खेत से थोड़ा सा तिल उसके खेत की ओर उगा था। बीरबल ने जमींदार से बात की और कहा, “क्या तुम जानते हो कि तिल का पौधा इतना बढ़ सकता है कि दूसरी जगह उगने लगे?”
जमींदार ने सिर हिलाया, “नहीं, हुजूर।”
बीरबल ने मुस्कराते हुए कहा, “देखो, यह सिर्फ तिल का मामला नहीं है। तुम्हारे खेत की जमीन अधिक है, इसलिए तुम्हें लगा कि तुम्हारा पड़ोसी चोरी कर रहा है। दरअसल, यह प्रकृति का खेल है।”
बीरबल ने अकबर को पूरा मामला समझाया और बोले, “जहांपनाह, यह मामला इतनी बड़ी बात नहीं है। जमींदार केवल धोखे में है, उसका पड़ोसी निर्दोष है।”
अकबर ने हँसते हुए कहा, “तुम्हारी बुद्धि और समझदारी हमेशा की तरह शानदार है, बीरबल। इस मामूली तिल के चलते कोई अनावश्यक मतभेद नहीं होना चाहिए।”
और इस तरह बीरबल ने एक छोटे तिल को पहाड़ बनने से रोक लिया।
इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि किसी भी मामले को समझदारी और शांति से हल करना चाहिए, ताकि झगड़े और मतभेदों से बचा जा सके। बीरबल की सूझबूझ और न्यायप्रियता आज भी हमें प्रेरणा देती है।