कोरोना वायरस की खबर पिछले साल सबसे पहले ३१ दिसंबर को चीन में पता चला। वैज्ञानिक और डॉक्टरों के अनुसार ये वायरस का उत्पत्ति चमगादड़ो में हुआ था । चीन के वूहान जिले के एक प्रयोगशाला में काम करने वाले एक कर्मचारी को चमगादड़ ने काट लिया था जिससे ये वह कर्मचारी इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो गया। इस वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी न होने के वजह से कर्मचारियों ने एतिहात नहीं बरती और इसके परिणाम ये था की उस प्रयोगशाला के और भी कर्मचारियों में इस वायरस के संक्रमण का शिकार हो गए। कर इस वायरस के लक्षण स्वाभाविक रूप से नजर न आने के वजह से ये कर्मचारी संक्रमण से अज्ञात थे। इन कर्मचारियों में से कुछ पास ही के समुद्री खाद्य मंडी में खरीदारी करने पहुंचे तो ये वायरस का संक्रमण तेज़ी से लोगो में फैलने लगा ।
कोरोना वायरस का मूल वुहान शहर को बताया गया। ११२ किस्म के जानवर पशु बाजार में बेचे जाते है।
सांप और चमगादड़ को खाने से यह बीमारी पुरे चीन शहर में फैली और पूरा विशालकाय दुनिया में इसने अपनी जगह बना ली। हम इस बात से अवगत है की यह एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलती है।
कहा जाता है चमगादड़ की आयु बीस से चालीस साल होती है। कोविद-१९ (Covid-19) वायरस को एक ऐसे जीव की तलाश रहती है ताकि वह तेज़ी से अपना संक्रमण फैलाये। विश्व में चीन ही ऐसा देश है जिसमे चमगादड़ का सूप पिया जाता है । ऐसा अनुमान है यह वायरस वहीँ से निकला। सूत्रों के मुताबिक चीन सरकार ने यह जानकारी देने में बहुत देर लगायी। नतीजा पूरा विश्व इससे जूझ रहा है। यूएस प्रेजिडेंट ट्रम्प ने चीन को इसका जीमेदार बताया और चीन के खिलाफ मान-हानि का मुकदमा करने का मन बना लिया है।
चीन ने वुहान शहर के दुकानों को यह कहकर बंद किया की वह रेनोवेशन हो रहा है। चीन ने अगर वक़्त रहते ही इसके बारे में सभी देसो को जानकारी दे दी होती तो इस संक्रमण को हम रोक सकते। चीन का शेयर बाजार, प्रयटन और कई कारोबार का नुक्सान झेलना पड़ा। लेकिन चीन इन सब बातों को छुपता हुआ आ रहा है। WHO के बिना किसी भी जाँच पड़ताल के बावजूद चीन की पक्ष लेने के कारण अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए WHO की कड़ी निंदा की है और साथ ही में WHO को दिए जाने वाले धन राशि पर तत्कालीन रोक लगाने का फैसला किया है ।
अभी ऐसा माहौल आया है कि कुछ मरीज़ो में कोरोना वायरस के कुछ भी लक्षण नज़र नहीं आ रहे है। यह और भी ज़्यादा खतरनाक है। दिल्ली में ऐसे केसों की रिपोर्ट दर्ज हुयी है। कोरोना वायरस के दो प्रकार है –
- सिम्पटोमैटिक
- असिम्पटोमैटिक
सिम्पटोमैटिक मतलब जहाँ मरीज़ो में कोरोना वायरस के लक्षण दीखते है और असिम्पटोमैटिक मतलब जहाँ मरीज़ो में किसी प्रकार के कोई लक्षण नज़र नहीं आते। अभी पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का क़हर जारी है। महाशक्ति कहा जाना वाले देश अमेरिका में ७ लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित है। उसके साथ ही फ्रांस, स्पेन, ब्रिटैन और जर्मनी में भी हालत काफी गंभीर है। भारत में भी इस वायरस का प्रकोप है। पूरे विश्व में कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन की खोज की जा रही है। फिलहाल प्लाज्मा टेक्नोलॉजी के सहारे इलाज की कोशिशों में काफी देश जुड़े हुए हैं। हम सब लोकडाउन का नियमित रूप से पालन कर रहे हैं। उम्मीद है की कोरोना के खिलाफ इस जंग में जीत हमारी होगी। हयड्रोक्सीक्लोरोक्विन नामक एक दवाई इस वायरस से निपटने में असरदार साबित हुई है और इससे कुछ लोग ठीक भी हुए है । भारत ने इसको देशो को भेजा है ताकि उनके देश के मरीज़ो के इलाज़ में कोई रुकावट न आये।
यह आर्टिकल एक Guest Post है जोकि रीमा बोस (Rima Bose) द्वारा भेजा गया है। उनका ईमेल एड्रेस boserima086@gmail.com है।
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