बीरबल की नई योजना – Akbar Birbal Story in Hindi

एक बार बादशाह अकबर अपने दरबार में विशेष बैठक कर रहे थे। सभी दरबारी और खास लोग वहाँ उपस्थित थे। दरबार में महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श चल रहा था कि अचानक अकबर बादशाह ने एक नई चुनौती का सुझाव दिया। उन्होंने दरबारियों से कहा कि जो दरबारी एक ऐसी योजना प्रस्तुत करेगा जो सबसे अनोखी और दिलचस्प होगी, उसे विशेष इनाम से नवाजा जाएगा।

सभी दरबारी इस चुनौती को सुनकर निराश हो गए, क्योंकि उन्हें पता था कि इस चुनौती का सामना करना आसान नहीं होगा। हालांकि, बीरबल हमेशा की तरह मस्त और आत्मविश्वासी था। उसने मुस्कुराते हुए इस चुनौती को स्वीकार कर लिया।

अगले दिन बीरबल ने अपनी योजना प्रस्तुत करने के लिए बादशाह के सामने उपस्थित हुआ। सभी दरबारी उत्सुकता से बीरबल की योजना सुनने के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे। बीरबल ने दरबार के मध्य में खड़े होकर अपनी योजना का वर्णन शुरू किया:

बीरबल की नई योजना

बीरबल ने कहा, “जहांपनाह, मेरी योजना है कि हम एक ऐसा प्रतियोगिता आयोजित करें जिसमें शहर के सभी प्रमुख व्यक्ति भाग ले सकें। प्रतियोगिता का उद्देश्य होगा कि सभी प्रतियोगी एक रात बिना सोए न्यायालय के बाहर बिताएं।”

यह सुनते ही सभी दरबारियों के मुंह खुल गए। उन्होंने सोचा कि यह बहुत ही कठिन कार्य है और शायद ही कोई इसे पूरा कर पाए। लेकिन बीरबल की योजना यहीं खत्म नहीं हुई। उसने आगे कहा, “लेकिन यह प्रतियोगिता सामान्य नहीं होगी। प्रतियोगिता के दौरान उन्हें अनेक परीक्षणों का सामना करना पड़ेगा।”

परीक्षणों का विवरण

  1. पहला परीक्षण: प्रतियोगियों को एक निश्चित समय तक बिना बात किए खड़े रहना होगा।
  2. दूसरा परीक्षण: उन्हें रात का समय बर्फीले पानी में अपने पैर डुबोकर बिताना होगा।
  3. तीसरा परीक्षण: प्रतियोगियों को कोई भी वस्त्र नहीं पहनना होगा।

बीरबल ने जब इन परीक्षणों का विवरण दिया तो दरबार में सभी लोग हैरान रह गए। बादशाह अकबर भी बीरबल की यह अनोखी और कठिन योजना सुनकर दंग रह गए। उन्होंने अपने चेहरे पर मुस्कान बिखेरते हुए बीरबल की प्रशंसा की और कहा, “बीरबल, तुमने सचमुच एक अद्वितीय योजना प्रस्तुत की है। मैं यकीन करता हूँ कि यह प्रतियोगिता हमें नए पहलुओं को सिखाएगी और हमें बहुत कुछ सिखाएगी।”

प्रतियोगिता का आयोजन

दरबार में बीरबल की योजना का समर्थन हो गया और प्रतियोगिता की तैयारियाँ तेजी से शुरू हो गईं। शहर के प्रमुख व्यक्तियों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने का निमंत्रण दिया गया। प्रतियोगिता का दिन आ गया और सभी प्रतियोगी निर्धारित स्थान पर पहुँच गए।

प्रतियोगिता के दौरान पहले परीक्षण में ही कई प्रतियोगी विफल हो गए। जो प्रतियोगी पहले परीक्षण में सफल हुए, वे दूसरे परीक्षण के लिए आगे बढ़े। बर्फीले पानी में पैर डुबोकर रात बिताना शारीरिक और मानसिक धैर्य की सच्ची परीक्षा थी। यह भी बहुत कठिन था और अधिकांश प्रतियोगी इस परीक्षण में भी असफल हो गए।

तीसरे और अंतिम परीक्षण में जो प्रतियोगी पहुंचे, वे बहुत ही साहसी और धैर्यवान थे। उन्होंने बिना वस्त्र पहने पूरी रात बिताने की चुनौती को स्वीकार किया। जब सुबह हुई, तो वहाँ कुछ ही प्रतियोगी बच पाए थे, जिन्होंने सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पार कर लिए थे।

विजेताओं का सम्मान

बादशाह अकबर ने विजेताओं को सम्मानित करने के लिए एक विशेष आयोजन किया। विजेता प्रतियोगियों को मौलिक पुरस्कार और भेंट से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, बीरबल को अपनी बुद्धिमानी और अनोखी योजना के लिए विशेष पुरस्कार दिया गया।

इस प्रकार, बीरबल की नई योजना ने न केवल दरबारियों को चकित किया, बल्कि पूरे राज्य में उनकी बुद्धिमानी और चातुर्य का डंका बजा दिया। उन्हें यह सिखाया कि किसी भी चुनौती का सामना धैर्य, साहस और बुद्धिमानी से करना होता है।

अकबर बादशाह भी बीरबल की इस अद्वितीय योजना से बहुत प्रभावित हुए और एक बार फिर यह साबित हो गया कि बीरबल जैसा अद्वितीय व्यक्ति न केवल दरबार में बल्कि पूरे राज्य में भी अपनी पहचान बनाए रखता है।

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