बीरबल का खिलौना हार – Akbar Birbal Story in Hindi

एक बार बादशाह अकबर और उनके नवरत्नों में सबसे बुद्धिमान और चतुर बीरबल के बीच एक दिलचस्प किस्सा हुआ। यह किस्सा बीरबल की हाजिर जवाबी और सूझबूझ का ज्वलंत उदाहरण पेश करता है।

कहानी की शुरुआत

एक दिन अकबर का मन बहुत प्रसन्नचित्त था। वह अपनी मनपसंद सभा में बैठे थे और दरबारियों से हंसी-मजाक कर रहे थे। इसी बीच एक व्यापारी दरबार में आया और उसने बादशाह से कुछ निवेदन किया। उस व्यापारी का नाम था सुल्तान, और उसके हाथ में एक बहुत सुंदर खिलौना हार था।

सुल्तान ने बादशाह अकबर को सलामी दी और बोला, “जहांपनाह, मेरी छोटी बेटी ने यह हार खेलने के दौरान गुम कर दिया था। मेरे संजीदा सेवकों ने इसे कड़ी मेहनत के बाद ढूंढा है। मुझे डर है कि इस कीमती हार को मेरी बेटी फिर से खो देगी। कृपया इसे रखने का कोई उचित उपाय सुझाएं।”

बीरबल का सुझाव

बादशाह अकबर ने थोड़ी देर सोचा और फिर बीरबल की ओर देखा। बीरबल अपनी विशिष्ट मुस्कान के साथ खड़े हुए और बोले, “जहांपनाह, अगर अनुमति हो तो मैं इस समस्या का समाधान कर सकता हूं।“

अकबर ने सहमति दी और बीरबल ने आगे कहा, “मालिक, इस खिलौने को हमें इस प्रकार सुरक्षित रखना चाहिए कि आपकी बेटी इसे खेलते समय भी न खो सके और हार भी सलामत रहे। इसकी सबसे अच्छी पद्धति है कि हम इसे एक निश्चित स्थान पर रख दें, जहां यह हर समय उसकी दृष्टि के सामने हो, लेकिन उसकी पहुंच से बाहर हो।”

सुल्तान और बाकी दरबारी बीरबल के चतुराई पर मुग्ध हो गए। बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा, “लेकिन बीरबल, यह स्थान कहाँ होगा?”

बीरबल की योजना

बीरबल मुस्कराते हुए बोले, “जहांपनाह, हमें इस हार को आपके राजमहल के मुख्य हॉल की छत से लटका देना चाहिए। इस प्रकार, न केवल यह हार सुरक्षित रहेगा, बल्कि आपकी बेटी इसे हर समय देख भी सकेगी और उसके खोने का डर भी नहीं रहेगा।”

सुल्तान और बादशाह अकबर बीरबल की इस योजना पर अचंभित हो गए। बादशाह ने तुरंत इस उपाय को मानने का आदेश दिया। सुल्तान ने हार को बादशाह को सौंप दिया और उसे मुख्य हॉल की छत से लटका दिया गया।

हार का नतीजा

इस उपाय का परिणाम न केवल सुल्तान की बेटी के लिए अनुकूल रहा, बल्कि इससे बीरबल की सूझबूझ और चतुराई की भी सराहना हुई। इस उम्र की बच्ची के लिए एक कीमती हार को सुरक्षित रखने का इतना सरल और जीनियस उपाय सभी दरबारियों के लिए अनुकरणीय था।

इस प्रकार, एक बार फिर से बीरबल ने साबित कर दिया कि वह केवल एक बुद्धिमान मंत्री ही नहीं, बल्कि एक अनोखे और चतुराई से भरपूर व्यक्तित्व के धनी हैं।

इस रोचक और शिक्षा से भरी कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समस्या कितनी भी कठिन हो, सही दृष्टिकोण और बुद्धिमानी से उसका समाधान खोजा जा सकता है।

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