बीरबल और मक्खन का मोल – Akbar Birbal Story in Hindi

एक सुबह की बात है, जब बादशाह अकबर अपने दर्पण के सामने खड़े होकर अपनी दाढ़ी सवाँर रहे थे। तभी दरबार के एक कर्मचारी ने आकर बताया कि गाँव का एक व्यापारी बादशाह से मिलने के लिए आया है। व्यापारी ने बीरबल से मिलने की इच्छा भी जताई थी, क्योंकि उसे अपने समस्याओं का समाधान चाहिए था।

व्यापारी ने दरबार में पहुँचते ही बादशाह अकबर को प्रणाम किया। अकबर ने उसे बैठने का संकेत दिया और पूछा, “बताओ व्यापारी, क्या समस्या है?” व्यापारी ने कहा, “हुजूर, मैं मक्खन का व्यापारी हूँ और यहाँ पर व्यापार करने आया हूँ। बाजार में कुछ नई समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं, इसलिए मुझे बीरबल जी से सलाह चाहिए।”

व्यापारी की समस्या

मासूम से दिखने वाला वह व्यापारी वास्तव में बहुत चालाक था। उसने बीरबल की बुद्धिमानी और चतुराई को तोड़ने का एक उपाय सोचा था। अकबर ने बीरबल को बुलाया और कहा, “बीरबल, यह व्यापारी तुम्हारे साथ कुछ विशेष चर्चा करना चाहता है।”

बीरबल ने व्यापारी की ओर देखा और पूछा, “कहो व्यापारी, तुम्हारी समस्या क्या है?” व्यापारी ने कहा, “मुझे बाजार में मक्खन बेचने पर समस्या हो रही है। लोग कहते हैं कि मेरा मक्खन बहुत महंगा है, जबकि मेरी दृष्टि में इसकी गुणवत्ता बहुत अच्छी है। आप ही बताइए, मक्खन का सही मोल क्या होना चाहिए?”

बीरबल की चतुराई

बीरबल ने मंजर की गंभीरता को समझते हुए थोड़ी देर सोचा और फिर कहा, “मुझे समझने के लिए थोड़ा समय चाहिए। मुझे एक दिन की मोहलत दीजिए, मैं जरूर इस समस्या का हल निकालूंगा।”

दूसरे दिन बीरबल ने उस व्यापारी को वापस दरबार बुलाया। जब वह व्यापारी पुनः उपस्थित हुआ, बीरबल ने उसे दरबार में लाए मक्खन को दिखाया और पूछा, “क्या यह तुम्हारे मक्खन से बेहतर गुणवत्ता वाला है?” व्यापारी ने मक्खन की ओर देखा और बोला, “नहीं, यह वैसा ही है जैसा मेरा मक्खन है।”

समाज के लिए संदेश

तब बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, “तो फिर, यह मक्खन अगर आप 20 रुपए किलोग्राम बेच सकते हैं, तो लोग आपके मक्खन को 25 रुपए किलोग्राम खरीद सकते हैं। केवल आपकी अपने सामान की गुणवत्ता पर विश्वास होना चाहिए और ग्राहकों के साथ ईमानदार व्यवहार करना चाहिए।”

व्यापारी ने बीरबल की बातों को समझा और उसे प्रणाम करके वहां से चला गया। फिर वह अपने बाजार में इमानदारी से व्यापार करने लगा और उसके गोदाम में कमाई बढ़ने लगी।

इस घटना से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी व्यापार या कारोबार में गुणवत्ता और ईमानदारी का बहुत महत्त्व होता है। अगर हम अपने काम में ईमानदार और गुणवत्ता का ध्यान रखते हैं, तो हमें सफलता जरूर मिलती है।

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