अकबर और बीरबल की कहानियाँ भारतीय इतिहास में ज्ञान और बुद्धिमानी का प्रतीक मानी जाती हैं। इस कहानी में हम जानेंगे कि कैसे बीरबल ने अपनी सूझबूझ से एक कठिन समस्या का हल निकाला।
कहानी की शुरुआत
एक दिन बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे थे। दरबार में सभी मंत्री और दरबारी उपस्थित थे। तभी एक आदमी दरबार में आया और बोला:
आदमी: “जहांपनाह, मेरा नाम रामू है। मेरे घर का कोई कीमती सामान खो गया है। मुझे शक है कि इसे किसी ने चुरा लिया है।”
अकबर का निर्णय
अकबर ने सोचा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है और उसमें बीरबल की मदद की जरुरत होगी। उन्होंने तुरंत बीरबल को दरबार में बुलवाया और सारी स्थिति बताई।
बीरबल की चालाकी
बीरबल ने रामू से पूछा कि चोरी का आरोप किन लोगों पर है। रामू ने चार पांच नाम बताए जिन पर उसे शक था। बीरबल ने चारों व्यक्तियों को दरबार में उपस्थित होने का आदेश दिया।
जब सभी आरोपी दरबार में आए, तो बीरबल ने कहा:
बीरबल: “मैं जानता हूं कि इस चोरी का असली दोषी कौन है, परंतु हमें यह साबित करने के लिए एक खास उपाय करना होगा।” फिर उन्होंने वहां मौजूद सभी व्यक्तियों को रात के लिए बीरबल के निवास पर रुकने का आदेश दिया।
बीरबल का चतुराई भरा उपाय
रात को बीरबल ने सभी लोगों को एक कमरे में इकट्ठा किया और बोला:
बीरबल: “मैंने इस कमरे में एक जादुई कुत्ता रखा है। यह कुत्ता पूरे रात जागेगा और जिस व्यक्ति ने चोरी की है, उसके पास जाकर भौंकने लगेगा। इसलिए जिन-जिन लोगों पर शक है, वे इसी कमरे में रुकेंगे।” यह कहकर बीरबल ने सबको कमरे में छोड़ दिया और कुत्ते के बारे में बात कर चला गया।
चोर पकड़ में आया
रात के बीच में बीरबल चुपचाप कमरे में वापस आए और देखा कि एक व्यक्ति डर के मारे लगातार सो नहीं पा रहा था। बीरबल को समझ में आ गया कि वही असली चोर है। उन्होंने व्यक्ति को दरबार में लेकर जाकर अकबर के सामने पेश किया।
बीरबल ने कहा:
बीरबल: “जहांपनाह, यही वो चोर है जिसने चोरी की है।”
अकबर ने पूछा कि कैसे बीरबल ने यह पता लगाया। बीरबल ने बताया कि असल में कोई जादुई कुत्ता नहीं था, यह सिर्फ एक चाल थी। चोर इस डर से सो नहीं पाया कि कहीं कुत्ता उसे पहचान न ले।
अकबर का प्रशंसा
अकबर बीरबल की बुद्धिमानी से बहुत खुश हुए और उन्होंने बीरबल की तारीफ की। चोर को सजा देकर रामू का चोरी हुआ सामान उसे वापस किया गया।
इस प्रकार बीरबल ने अपनी बुद्धिमता और चतुराई से एक कठिन समस्या को हल किया और सभी को यह सिखाया कि सूझबूझ और होशियारी से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है।