“बच्चा मनुष्य का पिता है” विलियम ब्लेक का एक प्रसिद्ध उद्धरण है। इसका मतलब है कि बच्चे वयस्कों के रूप में हमारे व्यक्तित्व और चरित्र को आकार देने के लिए जिम्मेदार हैं। जिस क्षण से वे बोलना शुरू करते हैं, बच्चे अपने परिवेश और वातावरण से सीखते हैं। वे अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों से अच्छी आदतें और मूल्य सीखते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, ये लक्षण उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाते हैं। यह वाक्यांश हमें बच्चों के प्रति दयालु और धैर्यवान होने की याद दिलाता है क्योंकि वे एक दिन वे लोग बनेंगे जिनकी हम प्रशंसा करते हैं या नापसंद करते हैं। इसलिए, बेहतर कल के लिए उनका अच्छी तरह से पालन-पोषण करना आवश्यक है। आइए बच्चों को वह प्यार और देखभाल दें जिसके वे हकदार हैं!